“गवाक्ष” ब्लॉग ने जनवरी 2008 में हिंदी ब्लॉग की दुनिया में पदार्पण किया था। जनवरी 2010 में इसने अपना दो वर्ष का सफ़र तय कर लिया है। इस ब्लॉग के माध्यम से हम हिन्दी ब्लॉग-प्रेमियों को हिन्दी/पंजाबी के उन प्रवासी लेखकों/कवियों की समकालीन रचनाओं से रू-ब-रू करवाने का प्रयास करते आ रहे हैं जो अपने वतन हिन्दुस्तान से कोसों दूर बैठकर अपने समय और समाज के यथार्थ को अपनी रचनाओं में रेखांकित कर रहे हैं। “गवाक्ष” में अब तक पंजाबी कवि विशाल (इटली) की कविताओं का हिन्दी अनुवाद, दिव्या माथुर (लंदन) की कहानी, अनिल जनविजय (मास्को) की कविताएं, न्यू जर्सी, यू।एस.ए. में रह रहीं देवी नागरानी की ग़ज़लें, लंदन निवासी कथाकार-कवि तेजेन्द्र शर्मा, रचना श्रीवास्तव, दिव्या माथुर की कविताएं, दुबई निवासी पूर्णिमा वर्मन की कविताएं, यू एस ए में रह रहीं हिन्दी कथाकार-कवयित्री इला प्रसाद, डेनमार्क निवासी कवि भगत धवन की कविताएँ और चाँद शुक्ला की ग़ज़लें, यू एस ए निवासी कवि वेद प्रकाश ‘वटुक’ तथा कवयित्री रेखा मैत्र की कविताएं, कनाडा अवस्थित पंजाबी कवयित्री तनदीप तमन्ना की कविताएं, यू के अवस्थित हिन्दी कवि-ग़ज़लकार प्राण शर्मा की ग़ज़लें, कैनेडा में अवस्थित पंजाबी कवि सुखिन्दर की कविताएं, कनाडा निवासी पंजाबी कवयित्री सुरजीत, अमेरिका अवस्थित डॉ सुधा धींगरा, कनाडा में अवस्थित हिंदी- पंजाबी कथाकार - कवयित्री मिन्नी ग्रेवाल की कविताएं, न्यूजीलैंड में रह रहे पंजाबी कवि बलविंदर चहल की कविता, कैनेडा में अवस्थित पंजाबी लेखिका बलबीर कौर संघेड़ा की कविताएं, इंग्लैंड से शैल अग्रवाल की पाँच कविताएं और पंजाबी कथाकार-उपन्यासकार हरजीत अटवाल के उपन्यास “सवारी” के हिंदी अनुवाद की बीसवीं किस्त आपने पढ़ीं। “गवाक्ष” के जनवरी 2010 अंक में प्रस्तुत हैं – सिंगापुर से श्रद्धा जैन की छह ग़ज़लें तथा पंजाबी कथाकार-उपन्यासकार हरजीत अटवाल के धारावाहिक पंजाबी उपन्यास “सवारी” की इकीसवीं किस्त का हिंदी अनुवाद…
सिंगापुर से
श्रद्धा जैन की छह ग़ज़लें
1
घटा से घिर गयी बदली, नज़र नहीं आती
बहा ले नीर तू उजली, नज़र नहीं आती
हवा में शोर ये कैसा सुनाई देता है
कहीं पे गिर गयी बिजली नज़र नहीं आती
है चारों ओर नुमाइश के दौर जो यारो
दुआ भी अब यहाँ असली नज़र नहीं आती
चमन में खार ने पहने, गुलों के चेहरे हैं
कली कोई कहाँ, कुचली नज़र नही आती
पहाड़ों से गिरा झरना तो यूँ ज़मीं बोली
ये दिल की पीर थी पिघली नज़र नही आती
2
तना है दम चराग़ में तब ही पता चले
फानूस की न आस हो , उस पर हवा चले
लेना है इम्तिहान अगर सब्र दे मुझे
कब तक किसी के साथ कोई रहनुमा चले
नफ़रत की आँधियाँ कभी, बदले की आग है
अब कौन लेके झंडा –ए- अमनो-वफ़ा चले
चलना अगर गुनाह है, अपने उसूल पर
सारी उमर सज़ाओं का ही सिल सिला चले
खंजर लिये खड़ें हों अगर मीत हाथ में
“श्रद्धा” बताओ तुम वहाँ फ़िर क्या दुआ चले
3
च्छी है यही खुद्दारी क्या
सारी उमर सज़ाओं का ही सिल सिला चले
खंजर लिये खड़ें हों अगर मीत हाथ में
“श्रद्धा” बताओ तुम वहाँ फ़िर क्या दुआ चले
3
च्छी है यही खुद्दारी क्या
रख जेब में दुनियादारी क्या
जो दर्द छुपा के हंस दे हम
अश्कों से हुई गद्दारी क्या
हंस के जो मिलो सोचे दुनिया
मतलब है, छुपाया भारी क्या
वे देह के भूखे क्या जाने
ये प्यार वफ़ा दिलदारी क्या
बातें तो कहे सच्ची "श्रद्धा"
वे सोचे मीठी खारी क्या
4
ल में जब प्यार का नशा छाया
पंछी पिंजरे में खुद चला आया
सह गया जो ख़िजां के ज़ोर–ओ-खम
गुल उसी पेड़ पर नया आया
सबको कह देगा, आँख का काजल
मेरे दिल ने कहाँ सकूँ पाया
क़ैद-ए-सरहद से है वफ़ा आज़ाद
राज़ ये बादलों ने समझाया
आके पहलू में बैठ जा मेरी
“श्रद्धा” अब तो है बस तेरा साया
“श्रद्धा” अब तो है बस तेरा साया
5
किसने जाना कि कल है क्या होगा
कुरबतें या के फासला होगा
आज़ रोया है वो तो रोने दो
हो न हो खुद से वो मिला होगा
चाँद जो पल में बन गया मिट्टी,
रात दिन किस तरह जला होगा
ज़ुल्म करता नहीं वो बन्दों पर
आज दुनिया का रब जुदा होगा
यूँ न ढूँढों यहाँ वफा “श्रद्धा”
तन्हा तन्हा सा रास्ता होगा
6
अफ़साना –ए-उलफत है, इशारों से कहेंगे
गर तुम न सुनोगे तो सितारोँ से कहेंगे
हम सिद्क़-ओ-इबादत से कभी अज़म-ओ-अदा से
बस अहद -ए- मोह्ह्बत, इन्हीं चारों से कहेंगे
आगोश में मिल जाए समंदर जो वफ़ा का
हम अलविदा दुनिया के किनारों से कहेंगे
चेहरे से चुराओगे जो सुर्खी-ए-तब्ब्सुम
क़िस्सा उड़ी रंगत का बहारों से कहेंगे
आँखों में हैं जल जाते वफाओं के जो जुगनू,
जज़्बात ये “श्रद्धा” के हज़ारों से कहेंगे
00
विदिशा एक छोटे से शहर में 8 नबम्बर 1977 को जन्मी श्रद्धा जैन ने केमिस्ट्री में अपनी शिक्षा पूरी की
ये पिछले नौ सालों से सिंगापुर में निवासित हैं और यहाँ पर एक भारतीय अंतर विद्यालय में हिन्दी अध्यापिका हैं
सम्पर्क : MS. Shrddha Jain, 86 Corporation Rd,#05-12 ,Lake Holmz Condo.
Singapore
H.P. - +65-81983705
ईमेल : shradha8@gmail.com
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